शरीर में जब ऑक्सीजन [Oxygen] की कमी के लक्षण और कारण जानिए:
अब मेडिकल ऑक्सीजन (Medical Oxygen) को आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल किया गया है. इसे बीमारियों के उपचार के दौरान मरीज में होने वाली ऑक्सीजन की कमी पूरी की जाती है और सांस लेने में मरीज को आसानी रहती है. यह WHO की आवश्यक स्वास्थ्य दवाओं में शामिल है.
मेडिकल ऑक्सीजन क्या है?
मेडिकल ऑक्सीजन में कम से कम 82 फीसदी शुद्ध Oxygen मानते हैं. नवजात बच्चे की देखभाल के लिए आपातकाल की स्थिति में भी इसका उपयोग किया जाता है.

अगर आप चाहते हैं कि हमें कोई संक्रामक रोग या किसी भी तरह के अन्य रोग हमारे शरीर पर हावी ना हों तो इस बात पर ध्यान दें और आपके शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बना रहे…
Oxygen की मात्रा कम या खत्म होने पर आपका मस्तिष्क, लीवर व अन्य लक्षण शुरू होने के कुछ ही मिनटों के अंदर खराब हो जाते हैं और काम करना बंद कर देते हैं।
Oxygen के लिए अंकुरित अनाज फाइबर के भरपूर स्रोत होते हैं। ये रक्त में ऑक्सीजन बढ़ाने के बेहतर विकल्पों के तौर पर भी इस्तेमाल किए जाते हैं। इसके साथ ही साथ एवोकैडो. किशमिश, खजूर अदरक और गाजर भी शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए सबसे उपयुक्त उपचार हैं। इनमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ऑर्गेनिक जिलैटिन में कैल्शियम और आयरन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसमें पर्याप्त मात्रा में फाइबर भी पाया जाता है। यह शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने का सबसे बेहतरीन उपाय होता है। शतावरी, जलकुम्भी और समुद्री शैवाल भी खून में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने में काफी मददगार होता है।
हमारा खून पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है और ऑक्सीजन की मात्रा को कॉमन रूप से नियंत्रित करता है। जब आपके खून में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन ना हो तो उस स्थिति को हाइपोक्सेमिया या Oxygen की कमी कहा जाता है। यह एक खतरनाक स्थिति है जो कोरोना जैसा ही हे । यह फेफड़ों संबंधी विभिन्न समस्याओं जैसे लंग कैंसर, निमोनिया, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस आदि के कारण हो सकती है। इसके अलावा हृदय संबंधी समस्याएं होने पर भी ऑक्सीजन की कमी हो सकती है।
oxygen कम होने की स्थिति में कोई भी वायरस और बैक्टीरिया हमारे शरीर पर हावी हो सकता है।

“भारत में बहुत कम कंपनियां सिलेंडर बनाती हैं. गुजरात में एक रामा नाम की एक कंपनी है, वह बनाती है. सिलेंडर बनाना काफी कठिन और बहुत महँगा पड़ता है, इसलिए तो बहुत कम कंपनियां ही बनाती है. . सिलेंडर में वैपराइज्ड़ गैस होती है. Lquied को वैपर [Air ] फॉर्म में सिलेंडर में भरा जाता है. ऑक्सीजन का एक सिलेंडर करीब 320 रुपये के आसपास का है. इसमें GST और ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा अलग है.एक सिलेंडर में वॉल्यूम होता है 7 क्यूबिक मीटर और प्रेशर होता है 140 KG. जैसा हॉट हैं ”
Covid-19 के इलाज में कैसे सहायक है?
कोरोना वायरस पीड़ितों के फेफड़ों पर ज्यादा असर पड़ता है इससे ब्लड का ऑक्सीजन का बहुत नीचे चला जाता है. कोरोना वायरस की वैक्सीन नहीं होने के कारण ही Oxygen Therapy को मामूली बीमार व्यक्तियों में इलाज के लिए उपयोगी माना गया है.

मेडिकल ऑक्सीजन कौन बनाता है?
भारत में ज्यादातर ऑक्सीजन मैन्यूफेक्चर इकाइयों जैसे स्टील के प्लांट , फैब्रिकेशन का यूनिट्स और केमिकल इंडस्ट्रीज में उपयोग होता है. इंडस्ट्री ऑक्सीजन बनाने वाली कंपनियों को मेडिकल ऑक्सीजन बनाने के लिए कहा गया ताकि कोरोना वायरस के समय आपूर्ति में कमी नहीं आए. भारत में लाइन इंडिया, INOX air, गोयल एमजी गैसेज, ये सभी तरल ऑक्सीजन बनाती हैं. इसके अलावा अन्य कई जगहों पर ऑक्सीजन जेनेरेशन प्लांट्स काम करते हैं.
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शरीर में ऑक्सीजन की कमी के लक्षण
- शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने से अर्थ है कि शरीर को अपनी नियमित क्रियाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए जितनी मात्रा में ऑक्सीजन चाहिए, उतनी मात्रा में ऑक्सीजन ना मिल पाना।
जब शरीर में ऑक्सीजन की कमी होती है तो सबसे पहले व्यक्ति को थकान महसूस होती है, सांस लेने में दिक्कत होने लगती या सांस फूलने लगता है। इसके बाद शरीर में Blood के प्रवाह की गति धीमी हो जाती है। इससे थकान और घबराहट बढ़ जाती है।

अस्पताल ऑक्सीजन कैसे खरीदते हैं
इसके लिए हॉस्पिटल की दो तरह की प्रणाली है. बड़े, मध्यम और छोटे अस्पताल और नर्सिंग होम में ऑन साइट ऑक्सीजन जेनेरेशन प्लांट होते हैं और पाइपलाइन से ward , ICU , CCU में उन्हें जोड़ा हुआ रहता है. इसमें बिना रुकावट Supply की जरूरत रहती है. दूसरा तरीका यह है कि अस्पताल Liquid से खरीदते हैं इसमें भी पाइपलाइन की जरूरत होती है और नियमित रखरखाव की आवश्यकता भी होती है. सिलेंडर में गैस होती है और खाली होने पर यह वापस भरी जा सकती है. ज्यादा डिमांड के कारण महाराष्ट्र में कुछ और प्लांट बन रहे हैं.
मेडिकल ऑक्सीजन क्या होती है, कैसे बनती है?
ऑक्सीजन हवा और पानी दोनों में मौजूद होती है. हवा में 22 प्रतिशत Oxygen होती है और 77 प्रतिशत नाइट्रोजन होती है. इसके अलावा 1 प्रतिशत अन्य गैसें होती हैं. इनमें हाइड्रोजन, नियोन और कार्बन डाईऑक्साइड भी होती है. पानी में भी ऑक्सीजन होती है. पानी में घुली ऑक्सीजन की मात्रा अलग-अलग जगहों पर अलग हो सकती है. 10 लाख मॉलिक्यूल में से सिर्फ Oxygen के 10 मॉलिक्यूल होते हैं. यही वजह है कि इंसान के लिए पानी में सांस लेना कठिन है, पर लेकिन Fish के लिए आसान.
ऑक्सीजन कम हो सकती हैं ये बीमारियां
यदि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बहुत कम हो जाए तो ब्रेन डैमेज और हार्ट अटैक तक की स्थिति बन जाती है। शुगर के रोगियों में यदि ऑक्सीजन की कमी हो जाए तो उनकी शुगर अचानक बहुत अधिक बढ़ सकती है, जो कि एक जानलेवा स्थिति भी बन सकती है।

Oxygen का स्तर अचानक से बहुत अधिक घट जाने पर शरीर में thyroid हॉर्मोन का संतुलन गार्बाद जाता है। इस स्थिति में थायरॉइड का स्तर या तो बहुत अधिक बढ़ सकता है या बहुत अधिक घट सकता है। इससे Hypothyroidism और Hyperthyroidism की समस्या हो सकती है।
भारत में मेडिकल ऑक्सीजन की स्थिति
‘दि प्रिंट’ की एक Report के मुताबिक भारत में मेडिकल Oxygen के 11-13बड़े निर्माता हैं और 500 से अधिक छोटे गैस प्लांट में इसे बनाया जाता है. गुजरात का INOX एयर प्रोडक्ट्स भारत में मेडिकल ऑक्सीजन का सबसे बड़ा निर्माता है. इसके बाद दिल्ली स्थित गोयल एमजी गैसेस, कोलकाता के लिंडे इंडिया और चेन्नई का नेशनल ऑक्सीजन लिमिटेड शामिल हैं.
शरीर में ऑक्सीजन की कमी के कारण
शरीर में Oxygen की कमी के कई कारण होते हैं, जो व्यक्ति की लाइफस्टाइल पर निर्भर करते हैं। जो लोग बहुत अधिक आलस से भरपूर जीवनशैली जीते हैं यानी Physical ऐक्टिविटी नहीं करते हैं, उनके शरीर में भी ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।
जो लोग बहुत अधिक शारीरिक श्रम करते हैं लेकिन उसके हिसाब से Diet नहीं लेते हैं, जिसके Karan उनके शरीर में भी Oxygenकी कमी हो सकती है।
जिन लोगों के भोजन में Iron की मात्रा कम होती है अगर वे लंबे समय तक इसी तरह का भोजन लेते रहें तो उनके शरीर में भी ऑक्सीजन की कमी हो सकती है क्योंकि फेफड़े सहित पूरे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह करने में आयरन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

अंकुरित अनाज Fiber के भरपूर स्रोत होते हैं। ये रक्त में ऑक्सीजन बढ़ाने के बेहतर विकल्पों के तौर पर भी इस्तेमाल किए जाते हैं। इसके साथ ही साथ एवोकैडो. किशमिश, खजूर अदरक और गाजर जैसे भी शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए सबसे उपयुक्त उपचार हैं। इनमें Anti Oxydent भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ऑर्गेनिक जिलैटिन में कैल्शियम और आयरन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसमें पर्याप्त मात्रा में Fiber भी पाया जाता है। यह शरीर में Oxygen की मात्रा बढ़ाने का सबसे बेहतरीन उपाय होता है। शतावरी, जलकुम्भी और समुद्री शैवाल भी Blood में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने में काफी मददगार होता है।
Oxygen की कमी होने पर सिरदर्द होना और सांस फूलना आदि समस्याएं होने लगती हैं। कुछ गंभीर मामलों में ऑक्सीजन की कमी होने पर हृदय व मस्तिष्क ठीक से काम करना बंद कर देते हैं। जिन लोगों को श्वसन या हृदय संबंधी समस्याएं हैं या फिर जो लोग धूम्रपान करते हैं, उनको Oxygen की कमी होने का खतरा सबसे अधिक रहता है।
Blood में ऑक्सीजन के स्तर की जांच करके ऑक्सीजन की कमी का पता लगाया जाता है। इस टेस्ट को Arterial Blood Gas Test ब्लड गैस कहा जाता है, जिसमें धमनी से खून का Sample लिया जाता है। इसके अलावा पल्स Oxymeter टेस्ट की मदद से भी खून में ऑक्सीजन के स्तर का अंदाजा लगाया जा सकता है। Pulse oxymeter एक छोटा सा उपकरण होता है, जिसको उंगली के सिरे पर लगाया जाता है।
Oxygen की कमी होने से ऊतकों में भी ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जिस स्थिति को हाइपोक्सिया कहा जाता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि खून पर्याप्त मात्रा में ऊतकों तक Oxygen नहीं पहुंचा पाता और ऊतकों में ऑक्सीजन की कमी होने लग जाती है। इस स्थिति का इलाज करने के लिए Oxygenथेरेपी दी जाती है और सांस के द्वारा ली जाने वाली कुछ दवाएं दी जाती हैं। इसके अलावा Oxygenकी कमी का कारण बनने वाली स्थिति का इलाज भी किया जाता है।
खून में Oxygen बढ़ाते हैं ये फूड्स, and फायदे
आज हम आपको कुछ ऐसे ही फूड्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका इस्तेमाल आपके खून में Oxygen की मात्रा को बढ़ाकर आपको सेहतमंद रखने में मदद करता है। आम, नींबू, तरबूज, पपीता ,नारंगी और अजमोद ऐसे फल हैं जो हमारी किडनी को साफ रखने में मदद करते हैं। Vitamins से भरपूर ये फल हमारे खून में Oxygen की मात्रा को बढ़ाने में भी सहयक होते हैं। तरबूज में भारी मात्रा में फाइबर पाया जाता है। इसके अलावा इसमें लाइकोपेन, बीटा केरोटिन और विटामिन सी भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसका सेवन शरीर में जल की मात्रा को भी संतुलित रखता है।
Oxygen की कमी के लक्षण - Hypoxemia (Low Blood Oxygen) Symptoms in Hindi ऑक्सीजन
इसका मतलब है कि शरीर में ऑक्सीजन जितनी कम होती है, उसके लक्षण उतने ही गंभीर होते हैं। ऑक्सीजन की कमी से आमतौर पर निम्नलिखित लक्षण पैदा हो सकते हैं:
- सिरदर्द होना and सांस फूलना
- उलझन महसूस होना
- खांसी होना
- घरघराहट की आवाज आना
- दिल की धड़कनें तेज होना
- ज्यादा पसीना आना
- यदि ऑक्सीजन का स्तर काफी कम हो गया है, तो पीड़ित व्यक्ति पर्याप्त सांस लेने के लिए पेट की मांसपेशियों का भी इस्तेमाल करने लग जाता है।
शरीर में Oxygen का स्तर जितना कम होता रहेगा उसके लक्षण उतने ही गंभीर होते जाएंगे। जब कोशिकाओं को Oxygen मिलना बंद हो जाती हैं, तो वे नष्ट होने लग जाती हैं। इसलिए ऐसी स्थिति में हाथों व पैरों की उंगलियां, होठ और नाक नीले पड़ने लग जाते हैं।
Oxygen की कमी होने के जोखिम कारक हो सकते हैं:
एनीमिया , न्यूमोथोरैक्स (फेफड़े सिकुड़ जाना) पल्मोनरी एडिमा (फेफड़ों में अधिक द्रव भर जाना) पल्मोनरी एम्बोलिस्म (फेफड़े के अंदर की धमनी में खून का थक्का बन जाना) कुछ प्रकार की दवाएं जैसे नशीले पदार्थ (नार्कोटिक्स) या बेहोशी की दवाएं आदि जो सांसों की प्रक्रिया को प्रभावित कर देती हैं। पल्मोनरी फाइब्रोसिस (फेफड़ों में स्कार बन जाना या फेफड़े क्षतिग्रस्त हो जाना) स्लीप एप्निया.

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